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झारखंड में 2024 के विधानसभा चुनावों का दूसरा चरण 20 नवंबर को संपन्न हुआ। इस चरण में 12 जिलों की 38 सीटों पर मतदान हुआ। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, शाम 5 बजे तक मतदान प्रतिशत 67.59% दर्ज किया गया। यह राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति जनता की उत्साहपूर्ण भागीदारी को दर्शाता है।
विशेष ध्यान: आदिवासी और महिला मतदाता
चुनाव आयोग ने आदिवासी और महिला मतदाताओं की सक्रियता बढ़ाने के लिए विशेष कदम उठाए। 48 मतदान केंद्र आदिवासी संस्कृति से प्रेरित सजावट के साथ बनाए गए थे। राज्य के 8 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGs) के 1.78 लाख से अधिक सदस्यों का नामांकन सुनिश्चित किया गया, जिससे उनकी भागीदारी को बढ़ावा मिला।
जिलावार मतदान प्रतिशत
मतदान के दौरान सभी जिलों में मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कुछ जिलों का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा:
- जामताड़ा: 76.16%
- पाकुड़: 75.88%
- दुमका: 71.74%
- देवघर: 72.46%
- रांची: 72.01%
अन्य जिलों जैसे गिरीडीह और साहेबगंज में भी 60-70% के बीच मतदान हुआ।
चुनावी तैयारियां और प्रबंधन
चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही, जिसमें ईवीएम और वीवीपैट का उपयोग किया गया। चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए। मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया गया था, ताकि लोग स्वतंत्र और सुरक्षित रूप से मतदान कर सकें।
परिणाम और राजनीतिक परिदृश्य
इस चरण का परिणाम 23 नवंबर को घोषित किया जाएगा। झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य पर इस चुनाव के नतीजे महत्वपूर्ण प्रभाव डालेंगे। मुख्य मुकाबला झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM)-कांग्रेस गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच माना जा रहा है।
चुनाव के मुद्दे
इस चुनाव में आदिवासी अधिकार, खनिज संसाधनों का उपयोग, रोजगार, और क्षेत्रीय विकास जैसे मुद्दे चर्चा के केंद्र में हैं। सत्ताधारी गठबंधन अपनी उपलब्धियों पर जोर दे रहा है, जबकि विपक्ष बदलाव और विकास का आह्वान कर रहा है।
निष्कर्ष
झारखंड में इस बार का चुनाव सिर्फ राजनीतिक दलों के लिए ही नहीं, बल्कि जनता के लिए भी बेहद अहम है। उच्च मतदान प्रतिशत यह संकेत देता है कि राज्य की जनता अपने भविष्य को लेकर सजग है। यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदाताओं का विश्वास किस पार्टी के साथ जाता है और राज्य की राजनीतिक दिशा क्या आकार लेती है।